श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान। दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥ शिव चालीसा - जय गिरिजा पति दीन दयाला । सदा
श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान। दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥ शिव चालीसा - जय गिरिजा पति दीन दयाला । सदा